बरेली जनमत। रूहेलखंड विश्वविद्यालय ने इस साल लेट फीस के नाम पर परिक्षार्थियों से लाखों रूपये वसूले हैं। जिसमें कुछ ऐसे विद्यार्थी भी शामिल हैं जो अपनी शिक्षा के लिए बमुश्किल पैसे इकट्ठे कर पाते हैं। रूहेलखंड विश्वविद्यालय ने लेट फीस के नाम पर एक विद्यार्थी से 500 रूपये लिए थे, अब यूनिवर्सिटी ने स्वयं घोषित की हुईं परीक्षाएं ही टाल दी। ऐसे में अब लेट फीस देने का हक़दार कौन बनता है.?
बता दें इस वर्ष रूहेलखंड यूनिवर्सिटी ने अॉनलाइन फार्म भरने की तिथि 26 मई 2022 तक रखी थी। वहीं बीए, एमए, बीएससी, बीकॉम आदि के द्वितीय व तृतीय वर्ष के फार्म कॉलेज में जमा करने की तिथि 31 मई 2022 तक दी गई थी। मात्र पांच दिन का समय देने वाली रूहेलखंड यूनिवर्सिटी ने इसके बाद फार्म जमा करने वाले विद्यार्थियों से 500 रूपये लिए थे। इससे कॉलेज के खाते में अमुमन लाखों रुपये जमा हुए होगें।
अब यूनिवर्सिटी ने स्वयं परीक्षाओं की तिथि घोषित करने के बाद उसे आगे बढ़ाया है। मतलब साफ है कि अभी यूनिवर्सिटी परीक्षाएं कराने के लिए सक्षम नहीं है। रूहेलखंड यूनिवर्सिटी ने पहले 1 जुलाई से परीक्षाएं घोषित की थीं जिसमें संशोधन करने के बाद अब एक जून कर दी है। लगभग 19 दिन परीक्षाएं लेट कराने से परिक्षार्थियों में रोष व्याप्त है। साथ ही उन्होंने लेट फीस के नाम लिए गए अपने 500 रूपये वापस देने और यूनिवर्सिटी से लेट परीक्षाएं कराने के लिए 500 और आर्थिक दंड (कुल 1000) दिए जाने की मांग की है।