आस्ताना शराफतिया, सकलैनिया में हुआ सकलैन मियां हुज़ूर का उर्से चेहल्लुम, सरहिंद शरीफ के सज्जादा ने गाज़ी मियां के बांधी पगड़ी

धार्मिक

बरेली जनमत। 29 नवंबर 2023 बरोज़ बुध हज़रत पीरो मुरशिद शाह मोहम्मद सकलैन मियां हुज़ूर का 40वाँ यानी उर्से चेहलुम शानो शौकत के साथ किया गया। सुबह बाद नमाज़ फज्र कुरआन ख्वानी की गई और इसके बाद 9 बजे खानकाह शरीफ़ पर फातिहा हुई।
पीरो मुर्शिद शाह मोहम्मद सकलैन मियां हुज़ूर के उर्से चेहलुम के पुरनूर मौक़े पर एक शानदार महफिले ईसाले सवाब मुनाकिद की गई। जिसका आग़ाज़ तिलावते कलामे पाक से हाफ़िज़ ओ क़ारी आमिल सकलैनी ने किया। इसके बाद तकारीरी प्रोग्राम का आगाज़ हुआ। जिसमें उल्मा ए किराम ने साहिबे उर्स पीरो मुरशिद शाह सकलैन मियां हुज़ूर के ताल्लुक़ से अपने अपने जज़्बात ओ ख्यालात का इज़हार करते हुए तकरीर की।
अल्लामा मौलाना डॉक्टर मेहमूद उल हसन साहब ने पीरो मुरशिद शाह मुहम्मद सकलैन मियां हुज़ूर की नूरानी व पाकीज़ा हयात पर रौशनी डाली। उन्होंने कहा कि मौजूदा वक्त में मियां हुज़ूर जैसी शख्सियत पूरी दुनिया में कहीं नहीं थी, मियां हुज़ूर बड़े पाए के साहिबे कश्फो करामात बुज़ुर्ग थे। आपकी ज़ाते पाक से बेशुमार मखलुके खुदा को फैज़ान हासिल हुआ।
हज़रत मौलाना इनआम सकलैनी ने अपने जज़्बात का इज़हार करते हुए कहा किब्ला मियां हुज़ूर की मुकम्मल ज़िंदगी करामत ही करामत थी, हमारे हरिद्वार के जंगलात में बसने वाले लाखों गूजर मियां हुज़ूर के मुरीद हैं और हम तमाम गूजरों पर हमारे पीरो मुरशिद मियां हुज़ूर का बहुत करम और फैज़ान है।
हज़रत अल्लामा मौलाना ज़ाहिद रज़ा उत्तराखंड ने मियां हुज़ूर की खिदमते खल्क पर रौशनी डाली। उन्होंने अपने खिताब में कहा कि मियां हुज़ूर को गरीबों, यातीमों, बेसहारों से बड़ी मुहब्बत थी। आप सबकी हर तरह की जरूरतों का बड़ा ख्याल रखते थे और आपने पूरे हिंदुस्तान भर में गरीब बेटियों की शादियां करा कर उनके घर बसाए, इसी तरह की आपकी बेशुमार खिदमते खल्क पूरी दुनिया में मशहूर हैं।
हज़रत अल्लामा सय्यद असलम मियां साहब वामिकी ने मियां हुज़ूर के ताल्लुक़ से अपनी अकीदतों ओ मुहब्बत का इज़हार करते हुए फरमाया कि मियां हुज़ूर की शख्सियत विलायत की दुनिया में मुमताज़ और नुमाया शख्सियत थी। आपकी बुजुर्गी और सखावत का डंका पूरी दुनिया में बजा और इंशा अल्लाह कयामत तक बजता रहेगा।
हज़रत मौलाना मुजीबुर्रहमान अलीमी साहब दरगाह सय्यद सरावां इलाहाबाद से तशरीफ़ लाए। उन्होंने मियां हुज़ूर के ताल्लुक़ से शानदार तकरीर की और मियां हुज़ूर की बुजूर्गी की शान ब्यान की। हज़रत मौलाना अनवार शेरी बहेडवी ने मियां हुज़ूर के तअल्लुक से उनकी रूहानी ज़िंदगी और उनके तकवे व तालीमात पर रौशनी डाली।

उर्से चेहलुम में दूसरी खानकाहों से आने वाले सज्जादगान…

हज़रत इमाम रब्बानी मुजद्दिद अलिफसानी रहमतुल्लाह अलैह की खानकाह सरहिंद शरीफ़ पंजाब से पीरे तरीकत सज्जादानशीन हज़रत सादिक रज़ा मियां साहब तशरीफ़ लाए। खानकाह सय्यद सरावां इलाहाबाद से हज़रत पीरे तरीकत शेख़ अबू सईद एहसानुल्लाह सफ़वी साहब तशरीफ़ लाए, खानकाह वामिकिया निशातिया से सय्यद असलम मियां साहब तशरीफ़ लाए, खानकाह हज़रत शाह शमसुद्दीन तुर्क पानीपती पानीपत से हज़रत शाह मेराज हुसैन साबरी साहब तशरीफ लाए, इनके अलावा हज़रत मौलाना ज़ाहिद रज़ा साहब पूर्व चेयरमैन हज कमेटी रुद्रपुर उत्तराखंड से तशरीफ़ लाए, हज़रत मौलाना अज़ीज़ मुजद्दिदी साहब कन्नौज से तशरीफ़ लाए, हज़रत मौलाना अनवार शेरी साहब, मौलाना अरशद, मौलाना शफाअतुल्लाह साहब, मौलाना असद साहब, मौलाना अनवार सकलैनी मुरादाबादी, मौलाना कासिम सकलैनी वगैरह तशरीफ़ लाए और प्रोग्राम में शिरकत की।
प्रोग्राम दोपहर 3 बजे तक बड़ी कामयाबी के साथ चलता रहा और लोग बड़ी अकीदतो मुहब्बत के साथ मौजूद रहे। प्रोग्राम की सरपरस्ती मेहमाने खुसूसी हज़रत पीरे तरीकत सादिक रज़ा साहब ने फरमाई। निज़ामत मुख़्तार सकलैनी तिलहरी और मुफ्ती फ़हीम सकलैनी अज़हरी ने की। प्रोग्राम के आखिर में सलातओ सलाम हुआ और खुसूसी दुआ हज़रत सादिक मियां साहब ने कराई। उन्होंने मुल्क में अमन ओ सलामती, मुसलमानों में आपसी इत्तिहाद इत्तिफाक़ क़ायम रखने की दुआएं कराईं। उन्होंने दुआ कि अल्लाह मियां हुज़ूर के दरजात बुलंद फरमाए और उनके फैज़ान से हम सबको खूब मालामाल फरमाए। इसी दौरान सरहिंद शरीफ़ के सज्जादानशीन ने हज़रत गाज़ी मियां सकलैनी साहब की दस्तारबंदी भी की।

दीनी किताबों का हुआ रस्मे इजरा (विमोचन)…

हज़रत पीरो मुरशिद शाह मोहम्मद सकलैन मियां हुज़ूर के उर्से चेहलुम के पुरनूर मौक़े पर खानकाह शरीफ़ से निकलने वाला मकबूल रिसाला रौशनी के मीनार का रस्मे इजरा किया गया। इस बार रौशनी के मीनार में पीरो मुरशिद मियां हुज़ूर के ताल्लुक से खुसूसी शुमारा निकाला गया है। जिसमें मियां हुज़ूर की जीवनी पर उनका मुख्तसर परिचय है। इस किताब का इजरा सज्जादानशीन हज़रत शाह गाज़ी मियां सकलैनी साहब और सरहिंद शरीफ़ के सज्जादानशीन हज़रत सादिक मियां साहब ने अपने पाकीज़ा हाथों से किया। इसके अलावा मुफ्ती मौलाना फहीम सकलैनी की लिखी हुई किताबों का इजरा भी किया गया। जिसमें उन्होंने सिलसिले के बुजुर्गों पर उनके परिचय और खिदमात पर किताबें लिखी हैं।

जगह बा जगह किया गया सबीलों का एहतिमाम

उर्से चेहलुम के पुरनूर मौक़े पर खानकाह शरीफ़ के आस पास खाने पीने की सबीकों का भी उम्दा एहतिमाम किया गया। दूध , चाय, खीर, पकोड़े, हल्वा आदि की सबीलें खूब लगाईं गईं। लोग कतार बा कतार खाने पीने का लुत्फ लेते रहे।

उर्से चेहलुम में बड़ी तादाद में शामिल हुए ज़ायरीन…

उर्से चेहलुम में शिरकत करने के लिए बड़ी बड़ी दूर के ज़ायरीन आए। महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, बिहार, बंगाल, तेलांगना, दिल्ली, उत्तराखंड व उत्तर प्रदेश के सभी शहरों व गांव कस्बों से बहुत बड़ी तादाद में ज़ायरीन शिरकत करने पहुंचे। ज़ायरीन के वाहनों की पार्किंग के लिए के.डी.एम इंटर कॉलेज ग्राउंड व एम.बी.इंटर स्कूल ग्राउंड में व्यवस्था की गई थी।
प्रोग्राम में खुसूसी तौर पर हज़रत मुंतखब मियां साहब, अल्हाज सादकैन मियां, हाफ़िज़ गुलाम गौस सकलैनी, शाहिद शेख़ सकलैनी, मौलाना सूफी रिफाकत सकलैनी, हाफ़िज़ आमिल सकलैनी, गुलाम मुर्तुजा सकलैनी, इंतिखाब सकलैनी, मुंतसिब सकलैनी, सलमान सकलैनी, मुनीफ सकलैनी, असदक सकलैनी, नज़ीफ सकलैनी, उमम सकलैनी, मिर्ज़ा मोहम्मद उमर सकलैनी वगैरह मौजूद रहे।   

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