बदायूॅं जनमत। कल बुधवार की सुबह गेंहू के खेत में एक किसान का शव बरामद हुआ था। उसका गला कटा और मुंह कुचला हुआ था। सूचना पर पुलिस ने तत्काल एक्शन लेते हुए तीन संदिग्ध लोगों को उठाया उनसे पूछताछ शुरू की थी। आज दूसरे ही दिन पुलिस ने घटना का अनावरण करते हुए हत्यारोपी को मय आला कत्ल के गिरफ्तार कर लिया। हत्या मृतक के साथी ने भैंस खरीद फरोख्त के पैसे न मिलने के कराण करना कबूला है।
बिसौली कोतवाली प्रभारी निरीक्षक राजेन्द्र बहादुर सिंह ने सनसनीखेज घटना का अनावरण कर घटना मे प्रयुक्त आलाकत्ल (ईंट का टूकडा) को बरामद करते हुए घटना कारित करने वाले अभियुक्त नरेश पुत्र मोरसहाय निवासी ग्राम मलखानपुर थाना बिसौली को गिरफ्तार किया है। साथ ही गिरफ्तार अभियुक्त की निशादेही पर घटना मे प्रयुक्त आलाकत्ल (ईंट का टूकडा) व घटना के समय पहने हुये खुनालुदा व मिट्टी से सने कपडे व अभियुक्त की साईकिल जिसके हैण्डल पर खून व मिट्टी लगी है, बरामद किया गया।
वादी सुभाषचन्द्र पुत्र हरीराम निवासी ग्राम सहावर शाह थाना बिसौली द्वारा दी गयी तहरीर के आधार पर पुलिस ने धारा 302 आईपीसी बनाम अज्ञात अभियुक्त के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। घटना की गम्भीरता को देखते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक द्वारा घटना के अनावरण हेतु प्रभारी निरीक्षक बिसौली को निर्देश दिये गये थे। जिसके क्रम मे तमामी विवेचना व पतारसी सुरागरसी, सूचना मुखबिर व वयानात गवाहान के आधार पर अभियुक्त नरेश पुत्र मोरसहाय निवासी ग्राम मलखानपुर थाना बिसौली का नाम घटना में प्रकाश में आया। अभियुक्त नरेश की गिरफ्तारी के अथक प्रयास एवं मुखबिर की सूचना पर आज बृहस्पतिवार को अभियुक्त नरेश पुत्र मोरसहाय निवासी ग्राम मलखानपुर थाना बिसौली को रतनपुर कोठी तिराहे से सहावर शाह को जाने वाली सडक से गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार अभियुक्त की निशादेही पर घटना मे प्रयुक्त आलाकत्ल (ईंट का टूकडा) व घटना के समय पहने हुये खुनालुदा व मिट्टी से सने कपडे व अभियुक्त की साईकिल जिसके हैण्डल पर खून व मिट्टू लगी है, बरामद किया गया।
थाना बिसौली पुलिस द्वारा पूछताछ करने पर अभियुक्त नरेश ने बताया कि साहब मै और नन्नू आपस मे गहरे मित्र थे तथा भैंस की खरीद फरोख्त की दलाली करते थे। दलाली मे मिले रुपयो को नन्नू के पास रखते थे और आपस मे बांट लेते थे। दिन मंगलवार को मै तथा नन्नू तहाडपुर बाजार गये थे, वहां पर सत्यपाल सिहं निवासी ग्राम सहावर शाह को एक भैंस 47000 रुपये की खरीदवायी थी मै नन्नू तथा सत्यपाल का नौकर बाजार से एक पिकअप मे भैंस लदवाकर सत्यपाल के फार्म हाऊस पर समय करीब 06.00 बजे सांय लाये थे। भैंस उतारने के बाद पिकअप वापस चली गयी थी। भैंस लाते समय रास्ते मे आसफपुर मे 04 पब्बे शराब के खरीदे थे नन्नू ने पिछले तीन महीने से भैंस खरीदवाने मे आये पैसो का बटवारा नही किया था। जिसका करीब मेरा हिस्सा 20000 रुपये बन रहा था मैने नन्नू से कई बार मांगा लेकिन वह टाल मटोल करता रहा। तब मैने नन्नू के भतीजे जयप्रकाश से पैसे दिलाने की गुजारिश की लेकिन इसके बावजूद भी नन्नू ने मेरे 20000 रुपये नही दिये। जब मुझे पूरा विश्वास हो गया कि नन्नू मेरे हिस्से के 20000 रुपये नहीं देगा तब मैने नन्नू को ठिकाने लगाने की सोच ली और आसफपुर बाजार से खरीदे शराब के 04 पब्बे भैंस उतरवाने के बाद सत्यपाल सिहं के फार्म हाऊस के बाहर ट्यूबैल के पास बैठकर नन्नू को काफी शराब पिलाई औऱ मैने शराब नहीं पी। मै शराब पिलाते पिलाते नन्नू से अपने पैसे मांगता रहा और नन्नू मुझे पैसे देने से मना करता रहा और गालियां देता रहा शराब पिलाते पिलाते गाली गलौच होती रही और जब रात्री के 08.00 बज गये तब मैं समझ गया कि नन्नू को रास्ते मे ठिकाने लगाया जा सकता है। क्योंकि तब तक काफी अंधेरा और सुनसान हो गया था। खेतों मे किसी व्यक्ति के होने की आहट नहीं सुनाई पड़ रही थी। मैं पैदल पैदल साईकिल से आगे चलने लगा और नन्नू लडखडाता हुआ गालियां देता हुआ और यह कहते हुये कि पैसे नही दूंगा चाहे जो कर लेना, पीछे पीछे चलता रहा। जब हम दोनों रतनपुर कोठी से सहावर शाह जाने वाले पक्के रास्ते के पास पहुँचे तो कल्लू पुत्र झम्मन निवासी मलखानपुर थाना बिसौली के गेंहू के खेत के पास साइकिल खडी कर दी और तब तक नन्नू भी पीछे से आ गया मैने नन्नू को पकड़ कर गेहूं के खेत मे गिरा दिया और पास मे पड़े ईट से नन्नू के चेहरे और सिर पर मारने लगा। मैं नन्नू के सीने पर बैठकर बांये हाथ से ठुड्डी पकड कर जमीन मे दबाये रहा और दाहिने हाथ से लगातार चेहरे तथा सिर पर मारता रहा। नन्नू मुझसे दोनों हाथों से लिपटता रहा। जिसका नाखून मेरे हाथ मे लग गया था जब तक नन्नू ने दम नहीं तोड दिया तब तक मै सीने पर चढकर मारता रहा। मेरे हाथ औऱ पैर व कपडे मे काफी खून तथा मिट्टी लग गया था। मैने जिस ईंट से नन्नू को मारा था वह ईंट उसी खेत मे कोने पर लगे लिप्टिस के पेड के नीचे जड के पास पडी हुयी सुखी पत्तियो के नीचे छिपा दिया था और साइकिल से अपने घर आ गया था। घर आकर कपडे बदले तथा पहने हुये खून व मिट्टी से सने कपडे एक प्लास्टिक के कट्टे मे रखकर कमरे मे पुआल की कुट्टी मे छिपा दिये थे, तथा हाथ पैर धुलकर बिना किसी को बताये कुछ देर लेटा रहा। उसके बाद अपने आप को बचाने के लिये जंगल की तरफ निकल गया। मैं इधर उधर अपने को छिपाता रहा आज मैं दिल्ली जाने की फिराक मे था। मैं रतनपुर कोठी के पास सवारी के इन्तजार मे खडा था तभी अचानक बिसौली पुलिस द्वारा मुझे गिरफ्तार कर लिया गया।
