हज़रत चौक वाले सैय्यद साहब के आस्ताने पर सालाना जलसे का आयोजन, उलेमाओं ने की तकरीर

धार्मिक
बदायूॅं जनमत। कस्बा उसहैत की हुसैनी गली में स्थित हज़रत चौक वाले सैय्यद साहब के आस्ताने पर सालाना जलसे का आयोजन हुआ। जिसकी सदारत जामा मस्जिद के इमाम मुफ्ती असगर अली और नूरानी मस्जिद के इमाम मौलाना अकबर अली ने संयुक्त रूप से की। वहीं मुख्य अतिथि हज़रत मौलाना शाने आलम साहब सैदपुरी रहे। बाद नमाज़े इशा जलसे का आगाज़ तिलावते कुरआन से हाफ़िज़ सैय्यद ज़ुबैर अली ने किया। इसके बाद उन्होंने हम्द और नातो मनक़बत पढ़ी। इनके अलावा जहीर कादरी, इसहाक रज़ा, अमीर अहमद, मुबश्शिर आदि ने भी कमली वाले आका की शान में नात पेश की।
सैदपुर से आए मौलाना शाने आलम साहब ने समाज में फैल रहीं कुरीतियों के बारे में समझाया। उन्होंने बच्चों की तालीम पर विशेष ध्यान देने को कहा। साथ ही युवा पीढ़ी को नशे से दूर रहने का पैग़ाम दिया। शादियों में फ़िज़ूल खर्ची पर रोक लगाने और गरीबों की मदद करने को कहा। उन्होंने कहा कि मुसलमानों को हुज़ूर करीम द्वारा बताए गए रास्ते पर चलकर जिदंगी गुज़ारनी चाहिए। सुन्नत पर अमल करते हुए शादियां और खाना करना चाहिए। उन्होंने कहा मां-बाप की खिदमत करना भी एक इबादत है, इस पर सबको अमल करना चाहिए। उन्होंने औरतों को पर्दे में रहने और सबको पांच वक्त की नमाज़ अदा करने की हिदायत दी।
वहीं मौलाना अकबर अली ने अल्लाह के बलियों की जीवनी पर प्रकाश डाला। सबको अल्लाह के महबूब बंदे बनने को कहा। इनके अलावा हाफिज तनवीर साहब ने भी तकरीर पेश की। सलातो सलाम के बाद जलसे के समापन हुआ। फात्हांख्वानी के बाद कौमों मिल्लत व देश के लिए विशेष दुआ की गई। जलसे की निज़ामत आमिर रज़ा ने की।
इस मौके पर चेयरमैन नबाव हसन, हाफिज मुजफ्फर कादरी, सैयद शाहिद अली, हाफिज मंसूर कादरी, शाहनवाज़ खां, मोहसिन, शोएब खां, कामरान, सैयद परवेज अली, शाहनवाज उर्फ पप्पी, शिफा हुसैन आदि का योगदान रहा।             

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