बदायूॅं जनमत। दो दिन पहले जिले के अलापुर में एक नाबालिग लड़की के साथ रेप की घटना सामने आई थी। वहीं आज एक और गैंगरेप की घटना सामने आने पर पुलिस प्रशासन और शासन के तमाम दावों पर प्रश्नचिन्ह लगने शुरू हो गए हैं। शासन द्वारा नारी सशक्तिकरण और एंटीरोमियो जैसे कार्यक्रम चलाकर समाज में लड़कियों को सम्मान दिलाने का कार्य किया जा रहा है। इसके बावजूद यकायक गैंगरेप की वारदातों से जिले में हड़कंप मच गया है। वहीं दोनों घटनाओं में स्थानीय पुलिस की भूमिका संदिग्ध बताई जा रही है। आरोप है कि थाना पुलिस पीड़ितों से मनमर्जी की तहरीर लिखवा कर लेते हैं। आज तो तब हद हो गई जब पीड़ित नाबालिग लड़की को स्थानीय पुलिस ने घंटों जमीन पर ही लिटाए रखा। वहीं सोशल मीडिया पर घटना के तूल पकड़ने के बाद पुलिस हरकत में आई है। हैरत की बात यह भी है कि गैंगरेप की वारदात को 24 घंटे बीत जाने के बाद भी पुलिस ने मुकदमा दर्ज नहीं किया है।
घटना कस्बा उसावां की हैं। यहां के वार्ड संख्या चार निवासी एक व्यक्ति ने थाना पुलिस को दी तहरीर में बताया है कि कल वृहस्पतिवार की शाम करीब 08 बजे घेर के पीछे खेत में मेरी 15 वर्षीय नाबालिग पुत्री शौच कर रही थी तभी कस्बे के ही बृजेश पुत्र जगन्नाथ व उसके साथी अवधेश फौजी पुत्र नेकसू, विवेक पुत्र नेकसू निवासी ग्राम हंसी नगला थाना कलान जनपद शाहजहांपुर बहला फुसलाकर मेरी पुत्री को उठाकर कार में डालकर ले गए। पुत्री के चीखने चिल्लाने की आवाज पर मैंने उसका पीछा करते हुए खोज करता रहा। करीब 4 घंटे के बाद उपरोक्त लोग मेरी पुत्री को कस्बे के होली चौक पर कर में बैठाकर छोड़कर भाग गए। वहीं पुत्री ने हमें बताया कि मेरे साथ अवधेश पुत्र नेकसू निवासी हंसी नगला ने गलत काम किया है।
पीड़ित पिता अपनी नाबालिग बेटी को लेकर थाने पहुंचा, यहां पुलिस का अमानवीय व्यवहार सामने आया। पुलिस ने पीड़ित नाबालिग लड़की को महिला डेस्क में जमीन पर ही लिटा दिया। जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। घटना के 24 घंटे बीतने के बाद भी पुलिस ने कार्यवाही नहीं की। लेकिन, घटना से संबंधित वीडियो जैसे ही सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो खलबली मच गई। समाचार लिखे जाने तक थाना पुलिस द्वारा मुकदमा पंजीकृत नहीं किया गया है।