बदायूॅं जनमत। देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज बदायूं और आंवला के साथ अपना रिश्ता जोड़ा। उन्होंने कांग्रेस और सपा पर जमकर सियासी वार किए। कहा कि डायनासोर की तरह कांग्रेस विलुप्त हो जाएगी। इस बार साइकिल की चेन चढ़नी नहीं चाहिए।
आज बुधवार को आंवला लोकसभा क्षेत्र के दातागंज में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सभा को संबोधित किया। राजनाथ सिंह ने कहा कि आजाद भारत में बहुत सारी सरकारों को काम करते हुए आपने देखा है, पिछले 10 वर्षों से हमारी सरकार को भी देख रहे हैं। राजनीति के आप लोग बड़े कुशल पारखी हैं, क्योंकि आजादी के बाद जब से चुनाव शुरू हुआ है। अपने मतों का प्रयोग करते-करते जनता राजनीतिक दृष्टि से काफी जागरूक हो चुकी है। उन्होंने कहा कि भारत का भविष्य किसके हाथ में सुरक्षित है? इसके बारे में आपकी समझ पर दुनिया की कोई भी ताकत सवालिया निशान नहीं लगा सकती है। भारत का मस्तक आज दुनिया में ऊंचा हुआ है। पहले जब भारत कुछ बोलता था तब गंभीरता से नहीं लिया जाता था। आज भारत बोलता है तो सारी दुनिया कान खोलकर सुनती है। यह भारत की हैसियत बनी है।
रक्षा मंत्री ने सिंह ने कहा कि दुनिया के सारे राष्ट्राध्यक्ष डंके की चोट पर बोलने लगे हैं कि दुनिया में यदि 21वीं सदी किसी की है तो भारत की है। भारत की सीमाओं का जहां तक प्रश्न है, पहले की सरकारों को आपने देखा है। मैं रक्षा मंत्री होने के नाते कह सकता हूं कि सीमाएं पूरी तरह से सुरक्षित हैं। अब अगर पाकिस्तान से कोई आतंकवादी नापाक हरकत करे तो हम इस पार भी मार सकते हैं और जरूरत पड़ी तो उस पार जाकर भी मार सकते हैं।
उन्होंने कहा कि धन-दौलत के मामले में भी भारत की ताकत बढ़ी है। उन्होंने कहा कि चाहें पंडित जवाहर लाल नेहरू या इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री रहो हों या राजीव गांधी रहे हों, डॉ मनमोहन सिंह। सबने कहा था कि हम गरीबी को समाप्त करना चाहते हैं लेकिन हिंदुस्तान की गरीबी लगातार बढ़ती रही लेकिन जब 2014 में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बनने के बाद अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष ने कहा कि भारत दुनिया का एक मात्र ऐसा देश है, जिसने 10 वर्षों में 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर किया है।
रक्षा मंत्री जब दस साल की मोदी सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए कांग्रेस पर सियासी वार कर रहे थे तब उन्होंने अपनी बात को प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के कार्यकाल से शुरू किया और इंदिरा गांधी का नाम लेते लेते मनमोहन सिंह तक आए पर बीच में राजीव गांधी के स्थान पर राहुल गांधी का नाम ले बैठे। लेकिन तत्काल ही सुधार किया और बोले- राहुल गांधी का तो सवाल ही नहीं कि आगे भी कोई संभावना है।