बरेली जनमत। सुन्नी मसलक के मजहबी रहनुमा ताजुश्शरिया मुफ्ती मुहम्मद अख्तर रज़ा खाँ क़ादरी अज़हरी (अज़हरी मियां) का दो रोज़ा उर्स-ए-ताजुश्शरिया का परचम कुशाई के साथ आग़ाज़ हुआ। उर्स की सभी रस्मों को काजी-ए-हिंदुस्तान मुफ्ती मुहम्मद असजद रज़ा खाँ कादरी की सरपरस्ती व सदारत में अंजाम दिया जा रहा है।
उर्स प्रभारी सलमान मियां ने बताया कि बाद नमाज़-ए-फज़र कुरान ख्वानी व नात-व-मनकबत की महफिल सजी। शाम को बाद नमाज़-ए-असर परचम कुशाई की रस्म अदा की गई। पहला परचम सय्यद कैफी के निवास शाहबाद स्थित मिलन शादी हाल, दूसरा परचम मोहम्मद साजिद आज़मनगर स्थित हरी मस्जिद से व तीसरा परचम समरान खान के निवास सैलानी स्थित रज़ा चौक से हाल से निकला। दीगर जगह से चादर का जुलूस आया, तीनों परचम काजी-ए-हिंदुस्तान की सरपरस्ती व सदारत में ख़ानक़ाह ताजुश्शरिया पर पेंश किए गये।
जमात रजा-ए-मुस्तफा के जनरल सेक्रेटरी फरमान हसन खान (फरमान मिया) ने बताया कि बाद नमाज़े ईशा ख़ानक़ाह ताजुश्शरिया में हुज़ूर क़ाइदे मिल्लत ने मज़ार शरीफ के ग़ुस्ल की रस्म अदा की। परचम कुशाई के दौरान डॉक्टर मेहंदी हसन, हाफ़िज़ इकराम, शमीम अहमद, मोईन खान, मौलाना निजामुद्दीन, मौहम्मद करीम उद्दीन, बख्तियार खाँ, गुलाम हुसैन, मुजफ्फर खान, सैयद कैफी अली आदि मौजूद रहे।