नूर ककरालवी की याद में ताज़ियती नशिस्त; ईद बाद यादे नूर में मुशायरा और किताब का इजरा तय

उत्तर प्रदेश

बदायूॅं जनमत‌। ककराला के मशहूर उस्ताद शायर जनाब मुंतख़ब अहमद नूर ककरालवी साहब 07 फ़रवरी को इस दुनिया-ए-फ़ानी से हमेशा के लिए रुख़्सत हो गए।
आज इतवार को नगर पालिका परिषद ककराला के मीटिंग हॉल में जनाब नूर ककरालवी की याद में एक ताज़ियती नशिस्त का इनिक़ाद किया गया। जिसमें नूर साहब के फ़रज़ंद हमज़ा सकलैनी ने उनके आखिरी लम्हात में कहे गए शेर पेश कर नशिस्त की शुरुआत की। इसके बाद उनके शागिर्दों ने उनके बेशकीमती अशआर पेश कर उन्हें ताज़ियत पेश की। साथ ही ईद के बाद यादे नूर में एक मुशायरा कराना तय किया गया। जिसमें मोहतरम नूर साहब की एक किताब का इजरा (विमोचन) भी कराया जाएगा।
नशिस्त में हाफ़िज़ गुलाम ग़ौस सकलैनी, हाफ़िज़ आमिल सकलैनी, रागिब ककरालवी, डॉक्टर सोहराब ककरलवी, चांद ककरालवी, आग़ाज़ साक़ी, कामिल उरौलवी, शमीम ख़ान, शम्स आदिल ककरालवी, अज़मत जीलानी, ज़ाकिर ख़ान, मुग़ले आज़म ककरालवी, फरहत खान ककरालवी, मोहसिन ककरालवी, मुस्लिम सर, मुंतजिर खान, मुस्तफ़ीज़, मुनीर, तौसीफ खान, आकिब, तनवीर ख़ान, अकबर डम्पी आदि मौजूद रहे।

नूर ककरालवी की ताज़ियत नशिस्त में कलाम पेश करते शायर : जनमत एक्सप्रेस।

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