बदायूॅं जनमत। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ के निर्देशों के अनुपालन में जनपद न्यायाधीश, अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। मनोज कुमार तृतीय, जनपद न्यायाधीश द्वारा जनपद न्यायालय परिसर में राष्ट्रीय लोक अदालत का शुभारम्भ किया गया। इस अवसर पर विचार व्यक्त किया गया कि राष्ट्रीय लोक अदालत को राष्ट्रीय लोक कल्याणकारी दिवस के रूप में आयोजित किया जाना चाहिए एवं समस्त न्यायिक अधिकारीगणों व बैंक अधिकारीगणों को अधिक से अधिक बादों के निस्तारण के लिए अग्रिम बधाई दी। इसी क्रम में दिव्यांगजनों को 03 ट्राई साइकिल का वितरण किया गया
शिव कुमारी अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश व सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा राष्ट्रीय लोक अदालत के विषय में जानकारी देते हुये बताया कि आम जन न्यायालय में लम्बित विवादों जैसे आपराधिक शमनीय वाद, एनआई एक्ट अन्तर्गत धारा 138 मोटर दुर्घटना सम्बन्धित वाद, वैवाहिक /पारिवारिक विवाद श्रम सम्बन्धी वाद, भूमि अधिग्रहण सम्बन्धी याद किरायेदारी, ट्रेफिक चालान, राजस्व बाद, विद्युत बिल आदि विवादों का निस्तारण इस राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से करवा सकते हैं। राष्ट्रीय लोक अदालत में प्रधान न्यायाधीश, कुटुम्ब न्यायालय एवं अपर प्रधान न्यायाधीश, कुटुम्ब न्यायालय द्वारा अपने न्यायालयों में आपसी समझौते के आधार पर कुल 114 पारिवारिक विवादों का निस्तारण किया गया। मचला अग्रवाल, पीठासीन अधिकारी, मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण बदायू द्वारा कुल 45 मोटर दुर्घटना प्रतिकर याचिकाओं का निस्तारण कर अंकन 3 करोड़ 61 हजार रुपये की धनराशि पीड़ितों को बतौर क्षतिपूर्ति दिलायी गयी। उपभोक्ता फोरम द्वारा 4 वादों में से 2 वादों का निस्तारण कर अंकन 18 लाख 26 हजार 313 रुपये की धनराशि पीड़ितों को बतौर क्षतिपूर्ति दिलायी गयी।
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने किया 2006 मामलों का निस्तारण…
राष्ट्रीय लोक अदालत में प्री-लिटिगेशन से सम्बन्धित वादों में विभिन्न बैंकों के 1016 मामले, भारत संचार निगम लि० के 17 राजस्व सम्बन्धित 376 मामले, 812 स्थानीय निकाय के मामले एवं अन्य प्रकार के 40562 मामले थे। इस प्रकार कुल 35744 प्री-लिटिगेशन मामलों का एवं न्यायालयों में लम्बित फौजदारी एवं सिविल वादों में 7039 वादों का निस्तारण हुआ। जिसमें से 2006 मामलों का निस्तारण मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा किया गया।
कुल 42783 वादों का निस्तारण हुआ…
राष्ट्रीय लोक अदालत में जनपद न्यायालय के समस्त सम्मानित न्यायिक अधिकारीगण, जिला सिविल बार एसोशिएशन एवं जिला बार एसोशिएशन के विद्वान अधिवक्तागण, सभी सम्बन्धित बैंक के अधिकारीगण, कर्मचारीगण, स्वयंसेवीगण उपस्थित हुए। सभी के समेकित प्रयासों से उक्त राष्ट्रीय लोक अदालत को सफल बनाया जा सका है।
विज्ञापन……………………..