बदायूॅं जनमत। बाइक सवारों द्वारा डेढ़ साल की मासूम बच्ची के अपहरण के मामले में पुलिस ने तीन महिलाओं को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि इन महिलाओं ने बच्ची को अलग-अलग ठिकानों पर छिपाकर रखा था। इससे पहले पुलिस मुठभेड़ में तीन अपहर्ताओं को दबोच चुकी है, जिनसे पूछताछ में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं।
पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि इस गैंग का मकसद पहले फिरौती वसूलना था। अगर परिजन फिरौती नहीं देते, तो बच्ची को निसंतान दंपतियों के हाथों लाखों रुपये में बेचने की तैयारी थी। यह गैंग बच्चों को अगवा कर उनके परिवारों को धमकाने के बाद जरूरतमंद दंपतियों को सौंपने का काम करता था।
गैंग की सरगना गायत्री, अस्पताल में होती थी डीलिंग…
इस गैंग में गायत्री नाम की महिला मुख्य भूमिका में थी। वह रोजाना जिला महिला अस्पताल में घूमती रहती थी और वहां निसंतान दंपतियों की तलाश करती थी। अस्पताल के स्टाफ से उसकी अच्छी पहचान थी। गायत्री ही दंपतियों से संपर्क कर बच्चा दिलाने की डीलिंग करती थी। यही वजह थी कि महिला अस्पताल में बच्चा चोरी की घटनाएं बढ़ी थीं। गायत्री केवल बच्चा बेचने का धंधा ही नहीं करती थी, बल्कि प्रसूताओं को अच्छे इलाज का झांसा देकर उन्हें निजी अस्पतालों तक ले जाने का भी काम करती थी। उसके खिलाफ पहले भी शिकायतें आई थीं, लेकिन स्वास्थ्य विभाग के कुछ अधिकारियों की सरपरस्ती में वह बचती रही।
अब तक कौन-कौन गिरफ्तार हुआ..??
रविवार रात मुठभेड़ के बाद पकड़े गए तीन अपहरणकर्ताओं यशपाल, अमन और सागर की निशानदेही पर पुलिस ने गायत्री पत्नी सुनील कुमार उर्फ बब्लू, छोटी पत्नी वीरेंद्र और कुसुम पत्नी जितेंद्र को भी गिरफ्तार कर लिया है। मामले को लेकर अभी चेहरे बेनकाब होने की संभावना है।