बदायूॅं जनमत। ककराला की बख्शी मस्जिद में 20 लोगों ने रमजान के आखिरी अशरे का एतिकाफ़ किया। एतिकाफ़ के आखिर में एक इस्तकबालिया प्रोग्राम का आयोजन हुआ।
प्रोग्राम में जनाब तसखीर आलम ने नात शरीफ पढ़कर शमा बांधा। मस्जिद के इमाम हाफिज नदीम ने अपने बयान में बताया कि एतिकाफ़ बहुत फजीलत वाली इबादत है। इसमें बंदा अल्लाह पाक का क़ुर्ब हासिल करता है और गुनाहों से तौबा करके नेक बन जाता है। दावते इस्लामी के जिम्मेदार मुदस्सिर खान ने कौम और मुल्क की तरक्की और अमन के लिए दुआ की।
दावते-इस्लामी इंडिया के जिम्मेदारान ने एतिकाफ़ में बैठने वालों का फूल मालाओं से इस्तकबाल किया। आखिर में सलातो सलाम हुआ। इस मौके पर कारी इमरान, हाफिज जान मोहम्मद सकलैनी, हाफिज कमर, मौलाना इसरार उल हक, हाफिज आशिक रसूल, कारी फैज अख्तर, कारी शाबान, अली दराज, नदीम खान, कुर्तुल हक़, कमर भाई, अब्दुल रहीम आदि लोग मौजूद रहे।