बदायूॅं जनमत। वन विभाग के अधिकारियों ने सांठगांठ कर अवैध तरीके से 175 प्रतिबंधित पेड़ों का कटान करा दिया। मामला खुलने पर भ्रष्ट अधिकारियों ने आनन-फानन में एक अधिवक्ता के खिलाफ फर्जी मुकदमा लिखवा दिया। इसकी जानकारी होने पर अधिवक्ता ने एसएसपी और डीएफओ को अवगत कराया। जिसके बाद मामले की जांच की गई। जांच में डिप्टी रेंजर और बीट प्रभारी दोषी पाए गए। वन विभाग के आला अधिकारियों ने भ्रष्ट और लापरवाही के चलते निलंबन की कार्रवाई की है।
मामला वजीरगंज थाना क्षेत्र के गांव दूंगो का है। जहां पिछले महीने बड़ी संख्या में प्रतिबंधित प्रजाति के पेड़ों (सागौन) का अवैध कटान कराया गया, हैरत की बात तो यह है कि इतनी बड़ी संख्या में पेड़ों का कटना हुआ लेकिन इसकी भनक न तो पुलिस को लगी और न ही वन विभाग की अधिकारियों को। जब मामले ने तूल पकड़ा तो वन विभाग के डिप्टी रेंजर और बीट प्रभारी ने अपने बचाव के लिए गैर जनपद के निवासी एक अधिवक्ता पर ही फर्जी मुकदमा लिखवा दिया। शिकायत के बाद जांच में डिप्टी रेंजर अंकेश शर्मा और बीट प्रभारी नत्थू लाल को निलंबित किया गया है। साथ ही एसएसपी ने सीओ बिसौली से जांच कर रिपोर्ट मांगी है।
वजीरगंज क्षेत्र के गांव लहरा लाडपुर निवासी संजय गुप्ता पुत्र देवेन्द्र कुमार गुप्ता का कहना है कि उन्होंने अपने बाग का कच्चा इकरार नामा बदायूं के मोहल्ला नहार खां सराय निवासी उमर सलीम पुत्र सलीम मियां को कुछ माह पूर्व किया था। बाग में करीब दो सौ प्रतिबंधित प्रजाति के पेड़ लगे थे। जिनका अवैध तरीके से कटान किया गया। चर्चा है कि उमर सलीम ने रामपुर और सिरौली के ठेकेदारों को प्रतिबंधित पेड़ों को बेच दिया। जब मामला प्रकाश में आया तो खुदको बचाने के लिए वन विभाग के बीट प्रभारी नत्थू लाल से 31 जुलाई को अधिवक्ता शारिक कुरैशी के खिलाफ मामला दर्ज करा दिया।
उधर, अधिवक्ता ने खुदको निर्दोष बताते हुए मामले की जांच कराने की मांग की, जांच में वन विभाग के अधिकारियों को मौके पर काटे गए तकरीबन 175 सागौन के पेड़ों की जड़ें प्राप्त हुईं। वन विभाग ने दोषी डिप्टी रेंजर अंकेश शर्मा और बीट प्रभारी नत्थू लाल को निलंबित कर दिया है और मामले की जांच अभी जारी है।
वज़ीरगंज थाना प्रभारी जितेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। जांच में जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।


