बदायूॅं जनमत। जिले के गांव रमजानपुर में बरसों पुरानी दरगाह जो हजरत गूंगे शाह बाबा के नाम से जानी जाती है जहां हर साल माघ के महीने में विशाल मेला लगता है, और दुनियाँ भर से लाखों जायरीन आकर मन्नत मांगते हैं। उर्स मेला कमेटी के सदर सलमान ज़मीर उर्फ चांद मियां ने बताया कि पूर्व में दीन शाह ने यहां की गद्दी सम्भाली बाद में मंसूर शाह यहां के गद्दी नशीन रहे। वर्तमान में राजू शाह मलंग यहां के गद्दीनशीन थे। जिन्होंने दरगाह की देखरेख को अंजाम दिया और जायरीनों के लिये दुआयें करते रहे।
पूरे एक महीने तक चलने वाले विशाल मेले में महीने के पहले इतवार (रविवार) को ठिलिया (गागर) उठने की परंपरा है। यह गागर बाबा मंसूर शाह निकालते थे। उनके इंतक़ाल के बाद उनके शागिर्द रहे ठाकुर राजू शाह मलंग को गागर व अपनी गद्दी पर गांव के लोगों ने बिठाया। राजू शाह ने लगभग 40 वर्ष हजरत गूंगा शाह बाबा की खिदमत की। आपको बता दें कि राजू बाबा लंबे समय से बीमार चल रहे थे। शनिवार रात्रि 11:00 बजे उन्होंने सबको अलविदा कह दिया। उनके पार्थिक शरीर को हजरत गूंगा शाह दरगाह पर ही सुपुर्द-ए-खाक किया गया। जिसमें सैकड़ों लोगों ने उन्हें अंतिम विदाई दी। इसके बाद उनके शागिर्द छोटे मियां ने जिम्मेदारी संभालने का वादा किया। इस मौके पर ग्राम प्रधान अब्दुल मुखतलिब, पूर्व प्रधान यूनुस हुसैन, विनोद शर्मा, हामिद हुसैन, सत्तार अल्वी आदि मौजूद रहे। – रिपोर्ट : एम आरिफ खांन