बदायूॅं जनमत। आवास विकास स्थित राजकीय महाविद्यालय में शैक्षिक गुणवत्ता में उन्नयन के लिए शिक्षकों की क्षमता में वृद्धि विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। अतिथि वक्ता महाराष्ट्र के प्रख्यात शिक्षाविद एवं उच्च शिक्षण संस्थानों में नैक ग्रेडिंग के विशेषज्ञ डॉ एनएस धर्माधिकारी ने समस्त शिक्षकों को प्रशिक्षित किया।
दो दिवसीय वर्कशॉप में प्रत्येक विभाग द्वारा नए नए कोर्स विकसित करने के लिए प्रेरित किया। ऑनलाइन क्लास, सामुदायिक कार्य, अध्ययन अध्यापन एवं अनुसंधान को समाज से जोड़ने तथा समाज की समस्त समस्याओं का समाधान करने के लिए निरंतर नूतन शोध कार्य जारी रखने के लिए प्रशिक्षण दिया गया।
डॉ धर्माधिकारी ने शिक्षकों और विद्यार्थियों की ज्ञान पिपासा को शांत करने के समृद्ध पुस्तकालय एवम ई लाइब्रेरी की उपयोगिता को बनाए रखने की बात कही। उन्होंने कहा कि शिक्षक को छात्र छात्राओं से निरंतर फीडबैक लेनी चाहिए तथा क्लास में आधुनिक तकनीकी का प्रयोग करना चाहिए। डॉ धर्माधिकारी ने प्रत्येक विभाग के लिए वॉल मैगजीन की अनिवार्यता पर बल दिया तथा कहा कि वॉल मैगजीन को शिक्षक और छात्र छात्राएं अपनी सृजनशीलता से अपडेट रखें तथा उसके लिए क्यूआर कोड भी बनाएं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक कार्यक्रम की पूर्व योजना व पूर्ण योजना बनाकर उसकी व्यापक स्तर पर प्रचार प्रसार व सूचना होनी चाहिए। कार्यक्रमों की जियो टैग फोटो एवम वीडियो क्लीपिंग बनानी चाहिए। कैम्पस टू कम्युनिटी पर फोकस करते हुए उन्होंने कहा कि हमारी गतिविधियां समाज को दिखनी चाहिए तथा समाज का दर्द कैंपस, क्लास लैबोरेट्री और रिसर्च लैब में महसूस की जानी चाहिए।
कार्यशाला के समापन के अवसर पर प्राचार्य डॉ श्रद्धा गुप्ता ने राजकीय महाविद्यालय की वार्षिक गतिविधियों का उल्लेख करते हुए कहा कि यहां कई विषयों का शोध केंद्र भी है। शैक्षिक वातावरण को जीवंत बनाए रखने के लिए योग्य और परिश्रमी शिक्षक और भी नए आयाम स्थापित करें इसके लिए अपनी कार्यक्षमता और बौद्धिकता में वृद्धि करें। आइक्यूएसी के संयोजक डॉ अनिल कुमार ने कहा कि राजकीय महाविद्यालय शिक्षा के अतिरिक्त खेलकूद, पर्यावरण संरक्षण, सांस्कृतिक कार्यक्रम, जनजागरूकता और समाज सेवा के क्षेत्र में भी अग्रणी भूमिका का निर्वहन कर रहा है। कार्यशाला का संचालन प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर डॉ संजीव राठौर ने किया। अंत में डॉ राकेश कुमार जायसवाल ने सभी के प्रति आभार ज्ञापित किया।
मुख्य वक्ता को स्मृति चिन्ह भेंट कर और शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया। डॉ सतीश सिंह यादव, डॉ अंशु सत्यार्थी, डॉ नीरज कुमार, डॉ दिलीप वर्मा, डॉ सरिता यादव ने सहयोग प्रदान किया। डॉ बबिता यादव, डॉ हुकूम सिंह, शशिप्रभा, डॉ पवन शर्मा, डॉ संजय कुमार, डॉ राजधारी यादव, डॉ मितिलेश कुमार, डॉ सारिका शर्मा, डॉ सचिन कुमार,डॉ ज्योति बिश्नोई, डॉ प्रेमचंद चौधरी आदि उपस्थित थे।