बदायूॅं जनमत। कल सोमवार 30 अक्टूबर की सुबह करीब 8:30 पर जिले में दिल दहला देने वाला हादसा हुआ। एक स्कूल बस और स्कूल वैन की आमने-सामने से भिड़ंत हो गई। जिसमें वैन का ड्राइवर और चार स्कूली बच्चों की दर्दनाक मौत हो गई। वहीं 24 छात्र छात्राएं घायल हैं। अभी तक शासन प्रशासन की ओर से हादसे में मरने और घायल होने वाले बच्चों के लिए किसी भी तरह के मुआवजे की घोषणा नहीं की गई है। जबकि देखा जाए तो इस हादसे का जिम्मेदार सीधे तौर पर शासन और प्रशासन है।
हादसा थाना उसावां के गांव नवीगंज के पास हुआ, जहां कल सोमवार को दो स्कूली वाहन आपस में टकरा गये थे। हमेशा की तरह हादसे के बाद प्रशासन जागा और हादसा किस कारण हुआ इसकी जांच होने लगी। जांच में पता चला कि मारूति वैन चालक ने जल निगम द्वारा किए गए सड़क के गड्ढे को बचाया था, जिस कारण वैन बस में जा घुसी और हादसा हो गया।
उधर तहकीकात में यह भी पता चला है कि वैन भी अनफिट थी और एक मोटरसाइकिल के रजिस्ट्रेशन पर दौड़ रही थी। खास बात यह भी है एक वैन में रोज़ाना 20 से 25 बच्चे भरकर जाया करते थे और जिस स्कूल की वह वैन थी वो बिना मान्यता के संचालित था। आरोप है कि बगैर मान्यता से जिले में जितने भी स्कूल संचालित हैं वह एबीएसए (ABSA) खण्ड शिक्षा अधिकारी और बीएसए (BSA) व डीआइओएस (DIOS) की सांठगांठ से संचालित हैं। वहीं अनफिट वाहनों के जिम्मेदार आरटीओ (ARTO) हैं। सड़क में या सड़क किनारे गड्ढे की जिम्मेदारी लोक निर्माण विभाग की है। अब एक सवाल यह भी पैदा होता है कि जिलाधिकारी महोदय द्वारा जांच कमेटी में लोक निर्माण विभाग के अधिकारी और बीएसए को शामिल किया गया है, तो क्या ये अफसर स्वयं की गलतियों को उजागर होने देंगे..??
ऐसे में हादसे के जिम्मेदार सारे विभाग मिलकर इस हादसे की जिम्मेदारी लें और मृतक व घायल बच्चों को अपने स्तर से मुआवजा दिये जाने की घोषणा करें। कहीं हर हादसे की तरह इसे भी दो चार दिन जांच के नाम पर शोर शराबा करके ठंडे बस्ते में न डाल दिया जाए। यह एक गंभीर और विचारशील विषय है।