अंतराष्ट्रीय मुशायरा में हुआ हिलाल बदायूँनी की किताब का विमोचन, रवींद्र भारती अकैडमी हैदराबाद में कई देशों के शायर जुटे

संपादकीय

बदायूँ जनमत। जिले के कस्बा वज़ीरगंज के मूल निवासी एवं देश के कवि सम्मेलन व मुशायरों के सुप्रसिद्ध संचालक डॉ हिलाल बदायूँनी की हिंदी देवनागिरी में लिखी किताब ‘गुफ़्तगू चाँद से’ का विमोचन हैदराबाद के अंतराष्ट्रीय मुशायरा में किया गया। जिसमें भारत के अलावा दुबई, कुवैत, बहरीन, नेपाल, अरब के शायरों ने शिरकत की व शायर डॉ हिलाल बदायूँनी को किताब के विमोचन के लिए मुबारकबाद पेश की।
दाग़ देहलवी फाउंडेशन के सौजन्य से रवींद्र भारती एकडेमी हैदराबाद में आयोजित एतिहासिक पांचवे अंतराष्ट्रीय मुशायरा में शायर डॉ हिलाल बदायूँनी की किताब का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विमोचन किया गया। डॉ हिलाल बदायूँनी की हिंदी देवनागरी लिपि में प्रकशित हुई किताब में ग़ज़लें, नज़्में, गीत, मुक्तक व दोहों को शामिल किया गया है। जो विशेष तौर से उन हिंदी भाषियों के लिए समर्पित हैं जो हिंदी लिखने पढ़ने में आसानी महसूस करते हैं एवं साहित्य में रुचि रखते हैं। हैदराबाद में आयोजित हुए अंतरराष्ट्रीय मुशायरा में डॉ ज़ुबैर फारूक अल अर्शी को दुबई से, नाज़नीन अली नाज़ को कुवैत से, सरवर नेपाली को नेपाल से, बहरीन से डॉ अनवर कमाल को, अरब से प्रिंसेज समीरा अज़ीज़ को आंमत्रित किया गया। वहीं भारत के भोपाल से डॉ अंजुम बाराबंकवी, लखनऊ से हसन काज़मी, मुंबई से सविता असीम, भुसावल से हामिद भुसवली के अलावा हैदराबाद के शायर मौजूद रहे। शहर की मशहूर सियासी अदबी शख्सियात के अलावा दुनिया के मशहूर शायरों की मौजूदगी में किताब के विमोचन की रस्म मुकम्मल की गई। जिसके बाद संचालन कर रहे डॉ हिलाल बदायूँनी ने किताब से अपना कलाम पेश किया। डॉ हिलाल बदायूँनी ने बताया कि 5 मार्च को हैदराबाद में हुए विमोचन के बाद किताब को अमेज़न, ईबुक एवं किंडल पर भी लाइव कर दिया गया है। जिसे पाठक वर्ग सीधे अमेज़न से भी किताब मंगा कर पढ़ सकते हैं। शायर डॉ हिलाल बदायूँनी की किताब के लिए उनके देश विदेश, क्षेत्र एवं गृह जनपद के प्रशंसकों ने शुभकामनाएं पेश की हैं। हिलाल बदायूँनी ने बताया कि देवनागरी में आई किताब गुफ़्तगू चाँद से इंदौर से प्रकाशित की गई है एवं ईद बाद जल्दी एक और किताब ताबानी जो उर्दू लिपि में आएगी उसका विमोचन मुंबई एवं लखनऊ में किया जाएगा। हिलाल बदायूँनी ने अपने किताब के कवर टाइटल पर लिखे शेर को अपने प्रशंसकों को समर्पित करते हुए अपनी बात मुकम्मल की।
आप इस वक़्त हैं रूबरू चाँद से।
आइये कीजिये गुफ़्तगू चाँद से।।           

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