बदायूँ जनमत। डायट स्थित ऑडिटोरियम में आयोजित पीठासीन अधिकारियों व मतदान अधिकारियों के प्रशिक्षण सत्र में मुख्य विकास अधिकारी, प्रभारी अधिकारी कार्मिक केशव कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि पोलिंग एजेन्ट के पास वोटर लिस्ट की अपनी प्रति हो सकती है पर मतदान के दौरान उसे बूथ से बाहर नहीं ले जाया जा सकता। पोलिंग एजेन्ट के पास कोई फोन या स्मार्टवाच होना अनुमन्य नहीं है। निर्वाचन आयोग द्वारा अनुमन्य विकल्पों की सूची बूथ के परिसर के बाहर दृष्टव्य स्थान पर चस्पा करें। किसी का भी आतिथ्य स्वीकार न करें।
उन्होंने बताया कि ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत सदस्य, नगर निकायों के सदस्य पोलिंग एजेन्ट हो सकते हैं। कोई मंत्री, सांसद, विधायक, जिला पंचायत अध्यक्ष, नगर निकायों के अध्यक्ष, कोई भी सुरक्षा प्राप्त महानुभाव तथा शासकीय कर्मी (मानदेय कर्मी भी) राशन डीलर, आंगनवाडी कर्मी एजेन्ट नहीं बनाए जा सकते। एजेंट्स से मतदान के निर्धारित समय से 90 मिनट पूर्व बूथ पर पहुँचने कि अपेक्षा की जाती है ताकि वे मोक पोल के समय उपस्थित रह कर उसमे शामिल हो सकें।
उन्होंने बताया कि पोलिंग एजेन्ट के पास मतदाता पहचान पत्र अथवा कोई फोटोयुक्त शासकीय पहचान पत्र होना अनिवार्य है जिससे उसकी पहचान स्थापित होती हो। बूथ एवं उसके 100 मीटर के दायरे में किसी भी राजनैतिक दल का नाम एवं चुनाव चिन्ह एवं कोई प्रचार सामग्री न हो। जिला पंचायत राज अधिकारी ने भी प्रशिक्षण दिया। इस अवसर पर पीठासीन, मतदान अधिकारी सहित अन्य अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे।