बदायूॅं जनमत। अंग्रेज़ों के खिलाफ हुई 1857 की पहली जंगे आजादी में ककराला में अंग्रेजों का मुकाबला करते हुए मारे गए सैकड़ों शहीदों की याद में ककराला में शहीद मेला लगाया जाएगा। यह निर्णय कांग्रेस के प्रदेश सचिव अजीत सिंह यादव द्वारा ककराला में किए जन संवाद के दौरान सर्वसम्मति से किया गया। शहीद मेले की तारीख की घोषणा जल्द की जायेगी।
कांग्रेस प्रदेश सचिव अजीत सिंह यादव ने कहा कि ककराला क्रान्तिकारियों व शहीदों की सरजमीं है। 1857 में देश की पहली जंगे आजादी में ककराला वासियों ने अंग्रेजी सेना के जनरल पैनी को मार गिराया था। अंग्रेजों की फौज को बदायूं की ओर आगे बढ़ने से रोक दिया था। बाद में पहली जंगे आजादी में जब भारतवासी हार गए तो अंग्रेजी फौज ने ककराला वासियों पर भारी जुल्म ज्यादतियां कीं। सैकड़ों लोगों को तोप से उड़ा दिया गया। मादरे वतन की आजादी के लिए सैकड़ों की संख्या में ककराला वासियों के पुरखे शहीद हुए। उन्होंने कहा कि आजादी के उन वीर शहीदों की याद में ककराला में शहीद स्मारक बनाया जाए। वहीं शहीद मेला सम्पन्न कराने को शहीद मेला आयोजन समिति का गठन किया जाएगा। इस दौरान विभिन्न कार्यक्रम किए जाएंगे। शहीदों की याद में पुरस्कारों की घोषणा भी होगी।
इस दौरान डॉ0 सोहराब ककरालवी, मुफ़्ती अनवार खान, शहजादा रिजवान, लाल मोहम्मद अंसारी, अल्पसंख्यक कांग्रेस के नगर अध्यक्ष फैजियाब खान, पिछड़ा कांग्रेस जिला महासचिव तजम्मुल अंसारी, किसान कांग्रेस नगर अध्यक्ष सरताज अली खान, आसिफ अली सूफी, उपाध्यक्ष नवी अहमद खान, हनीफ अब्बासी, हामिद खान, किसान कांग्रेस तहसील अध्यक्ष कामिल खान, अकरम खान, शमीम खान, तनवीर खान, लबीब खान, फितरत खान, पंडित जी, इरफान खान, अच्छू खान, मुजनैन खान, मोबिद खान, फ़ैज़ खान, मौलाना मुंतखिब, उवैस खान, जुगनू खान, तौहीद खान आदि लोग शामिल रहे।