बदायूॅं जनमत। माहे रमज़ान की 27 वीं शब (शबे कद्र) पर जिले की कई मस्जिदों में तरावीह की नमाज़ में कुरान ए पाक मुकम्मल हुआ। जिसके चलते मस्जिदों में महफिल ए कुरान का आयोजन हुआ। इस रात मुसलमानों ने खास इबादत की, खतीबों ने तकरीर के जरीए कुरान की अहमियत को बयां किया।
कस्बा उसहैत की जामा मस्जिद में तरावीह की नमाज में हाफ़िज़ जुनैद ने कुरान सुनाया वहीं हाफिज अय्यूब ने समात किया। बीच वाली (नूरानी मस्जिद) में हाफ़िज़ मंसूर कादरी ने कुरान सुनाया। दोनों मस्जिदों में माहे रमज़ान की 27 वीं शब को कुरान मुकम्मल हुआ। इस दौरान लोगों ने फूल मालाएं पहनाकर सम्मानित किया।
जामा मस्जिद के इमाम मुफ्ती असगर अली और बीच वाली मस्जिद के इमाम मौलाना अकबर अली ने तकरीर पेश की। उन्होंने कहा कि कुरान रमज़ान के महीने में ही नाजिल हुआ। अल्लाह ने कुरान के रूप में अपने बंदों को खास तोहफा दिया है। अगर मुसलमान इसे मजबूती से पकड़ ले तो हमेशा कामयाब रहेगा। उन्होंने बच्चों को दुनिया की तालीम के साथ-साथ कुरान की तालीम जरुर दिलाने को कहा। सलातो सलाम के बाद महफिल का समापन हुआ। इसके बाद कौमों मिल्लत और मुल्क की सलामती के लिए दुआ कराई गई।
इस दौरान हाफिज मुजफ्फर कादरी, हाफिज नूर अली उर्फ जुबैर, हाफिज आदिल, हाफिज आलिम, यूनुस नियाज़ी, मोअज्जम खां नियाजी, हाजी इक़बाल, हाजी इकरार, हाजी रजीउद्दीन, सैयद आसिम अली, आबिद खांन, आसिम अहमद, हन्नान मियां, साजिद खान, कल्लू आदि मौजूद रहे।
