बदायूॅं जनमत। अपने फायदे के लिए क़ौम को आगे रखकर सपा से बगावत करने वाली शेरवानी एंड कंपनी एक बार फिर पार्टी से धोखे का शिकार हो सकती है। क्योंकि सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पूर्व मंत्री आबिद रज़ा के मांग पत्र पर उन्हें आश्वासन देते हुए उनका पार्टी के राष्ट्रीय सचिव पद से दिया गया इस्तीफा नामंजूर कर दिया है। हालांकि अभी तक सहसवान की महा पंचायत का दूल्हा बनने वाले सलीम शेरवानी का रुख स्पष्ट नहीं हुआ है। वहीं अखिलेश यादव ने आबिद रज़ा से समाजवादी पार्टी के पक्ष में पूरे उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव में प्रचार करने के लिए भी कहा है। यह जानकारी गुरुवार को पार्टी के मुख्य प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी द्वारा दी गई।
बता दें राज्यसभा सांसद के चुनाव में प्रत्याशी न बनाए जाने पर सलीम शेरवानी एंड कंपनी ने समाजवादी पार्टी से बगावत की थी। इसके बाद सहसवान में सेकुलर महा पंचायत का आयोजन कर पार्टी की कुरीतियों को जनता के सामने लाया गया। समाजवादी पार्टी में मुसलमानों की बेकद्री, मात्र नारे लगाने और दरी बिछाने योग्य समझने, लोकसभा चुनाव में मुस्लिम बाहुल्य सीटों पर मुसलमानों को टिकट न मिलने, आबादी के हिसाब से हिस्सेदारी आदि मुद्दों को लेकर पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोला गया था। जिसको लेकर पूर्व मंत्री आबिद रज़ा के लगातार बयान आ रहे थे कि समाजवादी पार्टी के PDA से A पूरी तरह से गायब हो गया है। वहीं पार्टी में M Y का मतलब भी बदल दिया गया है। समाजवादी पार्टी की साइकिल अब पैडल से नहीं बल्कि पेट्रोल से चलती है। ऐसे न जाने कितने बयान जारी किए गये।
वहीं आज गुरूवार को अखिलेश यादव ने पूर्व मंत्री आबिद रज़ा का इस्तीफा नामंजूर करके साबित कर दिया कि सपा के PDA में अभी भी A प्लस है और अपनी जगह सही है। साथ ही बदायूं के लोगों का मानना है कि आबिद रज़ा जैसे कद्दावर नेता कभी क़ौम के साथ समझौता नहीं कर सकते। वह पार्टी में बने रहेंगे इसमें भी क़ौम का जरूर कोई फायदा ही होगा।